Saturday, February 13, 2010

My Name is Khan: माई नेम इज ब्रांडिंग खान


"बाजीगर मैं बाजीगर--जो हारकर भी बाजी जीत ले उसे बाजीगर कहते हैं"...नहीं भूले होंगे इस डायलॉग को..कसम से.. नहीं भूले होंगे क्यूं है ना. बिना GK..GK..खेले बताता हूं कि यह बाजीगर मूवी का डायलॉग है और डायलॉगबाज़ और कोई नहीं.. खान..माई नेम इज खान..किंग खान...शाहरुख़ खान ने मारी थी और फिल्म भी सुपर-डुपर हिट थी. विगत कुछ हफ्तों से, दोनों.. फिल्म माई नेम इज खान और IPL कोलकोत्ता नाइट राइडर्स के रीलीज होने से पहले, जिस तरह से शाहरुख़ ने मीडिया, शिवसेना, मनसे, काँग्रेस, महाराष्ट्र सरकार और अपने लाखों नेशनल और ग्लोबल सपोटर्स को एक ऐसे बाजी में फंसाया कि फिल्म रीलीज होते ही सुपर हिट..एक हफ्ते से आगे तक का हाउसफुल...विदेशों में हज़ारों रुपये में एक-एक टिकट बिका..दो दिनों से न्यूज चैनल का भी हाउसफुल...मल्टीप्लेक्सों का भी हाउसफुल... मल्टीप्लेक्सों के बाहर पुलिस का हाउसफुल...ठाकरे परिवार का टीआरपी भी हाउसफुल... काँग्रेस और महाराष्ट्र सरकार प्रशासन की अपना पीठ थपथपाते- थपथपाते हाथफुल....जर्मनी, UK, USA, रूस से लेकर मॉरिशस तक हाउसफुल ही हाउसफुल. क्या ब्रांडिंग है गुरु..क्या मार्केटिंग है. ना हिरोइन के साथ अफेयर की अफवाह...ना कॉपीराइट का लफड़ा...ना ही कुछ और. नित नये ब्रांडिंग- मार्केटिंग के आविष्कारों को मेरा सलाम.

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