
माफी चाहता हूं कि विगत दो हफ्तों से भी ज्यादा वक्त से अपने दिमागी कोई खुराफात लिख नहीं सका...कारण..सच कहुं तो..आलस्य..और बहाने (सभी असफल लोगों की असली जमा-पूंजी). खैर..अब मुद्दे पर आते हैं. वैसे तो कई मुर्दे..oops..sorry…मुर्दे नहीं मुद्दे आसमान में हबड़-दबड़ कर रहे हैं जैसे महिला आरक्षण बिल (पहले मुझे लगा कि अक्सर रेस्तरां में पुरुष ही बिल पे करते हैं लेकिन शायद इस आरक्षण के बाद अब महिलाएं ये बिल पे करेंगी..)खैर , फिर IPL क्रिकेट की चकाचौंध (मुझे लगता है कि पब्लिक तो सिर्फ जलफांफी (चौंध) पर लपक रहा है असली चका-चक तो खिलाड़ियों की हो रही है.जो..कम खेलकर ज्यादा माल-ए-मुरब्बा उड़ा रहे हैं). लेकिन जो मामला मुझ जैसे खुरलुचिया को दो दिन से पेरे और रगड़े हुए है वो है जेनेटिक मोडिफाइड मालाओं का. अच्छा...आप ही बताइये कि ‘माला’ शब्द आते ही आपके दिमाग में क्या आता है?...गर्भनिरोधक गोली (माला डी)...कुमारी माला..या..फूलों की माला. हां कभी-कभी जूतों की माला और नोटों की माला भी आंख के सामने तैर जाता है. जूतों का माला तो सामाजिक सरोकारों से उपर उठे प्राणियों के जर्रानवाजी के काम आता है पर नोटों की माला या तो शादी-वादी में दुल्हा के साजो-स्रिंगार का एक प्रसाधन होता है या फिर देवियों की मूर्ति पर चढ़ाया जाता है..जो फाइनली मुर्ति विसर्जन के टाईम पंडित जी के झोला में जय बमभोला कहते विसर्जित हो जाता है. लेकिन अपने देश के उत्तर के एक प्रदेश में नेताइन जी पूरा लोड लिए हैं. लाल गांधी...पीला गांधी..हरा गांधी...सभी गांधियों को एसे मड़ोड़ा कि उनके शरीर के 206 हड्डियों के पुर्जे- पुर्जे हो गए होंगे. फिर उनको बड़े-बड़े सूओं से सीकर एक भीमकाय माला बना दिया गया. फिर उसे गरीबों की रानी के गले में डाल दिया जाता है. फिर गरीबों की रानी गरीबी पर एक लेक्चर देती हैं और आश्वाशन भी की अव मनु-उनु नहीं चलेगा क्योंकि गाँधी जी को वो अपने गले से लगा कर रखती हैं. कोई रंगभेद नहीं चलेगा क्योंकि उनके माला में हर रंग के गाँधी जी हैं और दूर गाँव में टूटी झोपड़ी के आगे बैठा अधिसूचित गरीब जनता फिर से खुश होकर गरीबों की रानी को फिर से वोट देने का प्रण लेता है...और गाँधी जी की आत्मा फिर से चिंतन-मनन में बैठ जाता है कि अब इन गरीबों की रानियों से स्वतंत्रता के लिए कौन-सा फार्मूला डेवलप करें. और मैं भी कुछ उसी तरह की मुद्रा में बैठ गया हूं.
5 comments:
हिन्दी ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है
अच्छा लिखें, अच्छा पढ़ें
बी एस पाबला
Afsos lekin yahi sach hai...bada kada vyang kasa aapne!
Bahut khub. Swagat hai.
हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
कृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें
स्वागत है जी आपका ।
गुलमोहर का फूल
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